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बकरीद के मौके पर कल्याण में शिवसैनिकों का घंटानाद आंदोलन

डोंबिवली : कल्याण में दुर्गाडी किले में हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए धार्मिक स्थान हैं और दोनों ने अपने अपने अधिकारों का दावा किया है. बकरी ईद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह नमाज पढ़ते हैं और हिंदुओं को मंदिर में जाकर आरती व पूजा करने से रोका जाता हैं दोनों धर्मों के बीच कोई विवाद न हो, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की तरफ कड़े बंदोबस्त के बीच हिंदुओ को मंदिर में जाने से रोक देती हैं. यह आंदोलन धर्मवीर आनंद दिघे के नेतृत्व में शिवसेना ने 1986 में शुरू की गई थी तब से हर साल बकरीद के मौके पर शिवसैनिक कल्याण में यह आंदोलन करते आ रहे हैं. इस साल राज्य हुए राजनीतिक घटनाक्रम और शिवसेना में बने गुटों के चलते आंदोलन को लेकर संशय बना हुआ था. लेकिन आज सुबह शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ता कल्याण के पश्चिम में तिलक चौक शहर शाखा से दुर्गाडी किले पर पहुचे. पुलिस ने उन्हें लालचौकी पर ही रोका. इस समय आरती की गई और शिवसैनिकों ने जमकर नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया.
इस बारे में शिवसेना नेता व कल्याण डोंबिवली महानगर प्रमुख विजय साल्वी ने कहा कि, आनंद दिघे द्वारा शुरू किया गया यह आंदोलन तीस साल से चल रहा है, संविधान द्वारा हिंदुओं को दिए गए दर्शन के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, इस साल हमें उम्मीद थी की, एक बार फिर आंदोलन का नेतृत्व करते हुए, इस अन्याय को दूर करेंगे, क्योंकि पार्टी प्रमुख को नीचे उतारकर और खुद मुख्यमंत्री बने हैं. अगर सच्चा हिंदुत्व है तो मंदिर खुल जाना चाहिए था, क्या उनका हिंदुत्व झूठा है ? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उनपर टिप्पणी की और यह सवाल आज पूछा गया की हमें मंदिर जाने की इजाजत नहीं हैं, अगर यह सरकार हिंदू समर्थक है तो इस अन्याय को दूर करना चाहिए था…

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