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Aizawl : शाह ने पूर्वोत्तर के उग्रवादियों से मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की

आइजोल : केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को पूर्वोत्तर में सक्रिय आतंकवादियों से मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की।

आइलोज में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने इसपर जोर दिया कि मिजोरम में शांति स्थापना भारतीय लोकतंत्र की जीत का उदाहरण है। शाह ने आज 2,414 करोड़ रुपये की लागत वाली 11 परियोजनाओं में से कुछ का डिजिटल तरीके से उद्धाटन किया और कुछ की आधारशिला रखी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूर्वोत्तर के शेष बचे सक्रिय उग्रवादी संगठनों से मुख्यधारा में लौटने, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने और क्षेत्र तथा देश के विकास में योगदान की अपील करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मिजोरम में शांति स्थापित हो गई है, जहां उग्रवाद हुआ करता था। यह भारत के लोकतंत्र की जीत का अभूतपूर्व उदाहरण है।’’

उन्होंने राज्य में असम राइफल्स बटालियन मुख्यालय के नये परिसर का उद्घाटन भी किया।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर उग्रवाद के साथ साथ रेल, सड़क एवं हवाई संपर्क की कमी से जूझ रहा था और 2014 में जब मोदी नीत सरकार केन्द्र में आयी तो ‘‘विकास का नामो-निशान नहीं था।’’

शाह ने कहा, ‘‘पिछले नौ साल में, हम पूर्वोत्तर में शांति लाने, संपर्क बढ़ाने में सफल रहे हैं और विकास के मामले में क्षेत्र को देश के अन्य हिस्सों की बराबरी में लाने में कामयाब हुए हैं।’’

पूर्वोत्तर के विकास के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने क्षेत्र के लिए बजट आवंटन को 276 प्रतिशत बढ़ा दिया है।

शाह ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार क्षेत्र के सभी आठ राज्यों की राजधानियों को 2025 तक रेल, सड़क और हवाई मार्ग से आपस में जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। इन परियोजनाओं की लागत 1,76,000 करोड़ रुपये आने की संभावना है।’’

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाओं में 67 प्रतिशत की कमी आयी है, सुरक्षा बलों के कर्मियों की मौत में 60 फीसदी और असैनय नागरिकों की मौत में 83 प्रतिशत की कमी आयी है।

शाह ने कहा, ‘‘क्षेत्र में 2014 से अभी तक करीब 8,000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। हमने 2019 में त्रिपुरा में एनएलएफटी के साथ शांति समझौता किया, त्रिपुरा में 37,000 ब्रू लोगों का पुनर्वास किया और 2020 में बोडो अकॉर्ड पर हस्ताक्षर करके असम में शांति स्थापित की। साथ ही आफ्स्पा 1958 को करीब 70 प्रतिशत जगहों से हटा लिया गया है।’’


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