Bhiwandi : भिवंडी उपजिला अस्पताल में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों की जा रही जान

निजी एंबुलेंस कर रहे मरीजों के परिजनों से आर्थिक लूट
भिवंडी : भिवंडी के इकलौते स्वर्गीय इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल में एंबुलेंस की कमी के कारण मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ रही है, जिसके कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन सरकार और अस्पताल प्रशासन भी की अस्पताल में सुविधाओं को लेकर पूरी तरह से उदासीन बना है। जिस कारण निजी एंबुलेंस वाले मरीजों के परिजनों से जमकर कर आर्थिक लूट कर रहे हैं।
बता दें की स्वर्गीय इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल में इस समय तीन एंबुलेंस मौजूद हैं, जिसमें से दो एंबुलेंस खराब है और एक एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए सुबह से चक्कर लगा रही है, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले बाकी दूसरे मरीज को जरुरत पड़ने पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। जिसका फ़ायदा निजी एंबुलेंस वाले उठा रहे हैं, इसी तरह एक 11 माह की बच्ची को एंबुलेंस नहीं मिलने से उसकी की मौत का दुर्भाग्यपूर्ण मामला प्रकाश में आया है। इस घटना ने उपजिला अस्पताल के प्रबंधन के साथ निजी एंबुलेंस चालकों की लापरवाही और लूट को उजागर कर दिया है।
पिसेगांव के कातकरी वाडी में 11 माह की बच्ची सुवर्णा मंगल कातकरी की तबियत खराब होने पर 3 मई को उसे उपचार के लिए इंदिरा गांधी उपजिला अस्पताल में सवा ग्यारह बजे दाखिल कराया गया था। अस्पताल के बाल चिकित्सा अधिकारियों ने बच्ची का इलाज किया, लेकिन बच्ची की हालत गंभीर होने पर चिकित्सा अधिकारियों ने मरीज के परिजनों को उसे आगे इलाज के लिए कलवा अस्पताल जाने की सलाह दी थी। लेकिन बच्ची को इलाज के लिए कलवा ले जाने के लिए सात से आठ घंटे तक एंबुलेंस न मिल सकी और आठ घंटे बाद जब सरकारी एंबुलेंस से बच्ची को कलवा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, तो वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक बच्ची के परिजनों का आरोप है कि अगर एंबुलेंस समय पर मिल जाती तो हमारी बेटी की जान बच जाती, लेकिन इंदिरा गांधी अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए हमारी बेटी की मौत हो गई।
लड़की का इलाज पहले एक निजी डॉक्टर से कराया गया था। डॉक्टर ने लड़की को अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी थी, लेकिन लड़की के परिजनों ने लड़की को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया और 3 मई को उसकी हालत बिगड़ने पर बच्ची को सरकारी अस्पताल में भरती कराया गया। उपचार के लिए उपजिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों ने उसका इलाज किया, लेकिन लड़की की हालत गंभीर होने पर, उन्होंने उसे आगे के इलाज के लिए कलवा अस्पताल जाने की सलाह दी थी। उपजिला अस्पताल में तीन में से दो एम्बुलेंस खराब थीं और तीसरी एम्बुलेंस अन्य रोगियों को ले कर गई थी। जिस कारण उस समय एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई। इस तरह की प्रतिक्रिया उपजिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश मोरे ने दी।
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