Burhanpur : 60 अतिक्रमणकारियों ने थाने में घुसकर 3 आरोपियों को छुड़ाय

थाने में ही पुलिसकर्मियों को डंडों से पीटा, वाहनों पर पथराव किया, सीसीटीवी में उजागर हुई अतिक्रमणकारियों की करतूत, 3 पुलिसकर्मी घायल
नगर के जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों ने घेरा नेपानगर थाना, कलेक्टर-एसपी से की कार्रवाई की मांग, शनिवार को नेपानगर बंद का आव्हान
बुरहानपुर : नेपानगर, नावरा रेंज में लगातार वन कटाई होती रही और जिला प्रशासन, पुलिस सब कुछ आंखें बंद करके देखती रहे। कभी कभार कार्रवाई की जाती थी, लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी। ग्रामीण मांग उठा रहे थे कि सख्ती की जाए। किसी ने बात नहीं सुनी नतीजतन अब अतिक्रमणकारी पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहे हैं। गुरूवार रात करीब 3.30 बजे नेपानगर थाने में 60 से अधिक अतिक्रमणकारी घुस गए और लॉकअप में बंद 3 आरोपियों को छुड़ा लिया। यही नहीं थाने में मौजूद 3 पुलिसकर्मियों को जमकर डंडों से पीटा। थाने के अंदर तोड़फोड़ की। बाहर खड़े पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। इसे अब नक्सलवादी गतिविधियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी ओर पुलिस असहाय नजर आ रही है।
दरअसल गुरूवार को पुलिस ने बाकड़ी वन चौकी से 28 नवंबर की रात बंदूकें और कारतूस लूटने की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी हेमा मेघवाल को गिरफ्तार किया था। उसे रात में बुरहानपुर में रखने की बजाए नेपानगर थाने लाया गया जबकि यहां पहले से ही एक नवाड़ी पटेल, मदन और एक अन्य युवक को रखा गया था। तीनों आरोपियों को देर रात अतिक्रमणकारी छुड़ाकर ले गए। जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
पुलिस पर फूटा जनप्रतिनिधियों का आक्रोश
बड़े पैमाने पर जंगल कटने और लगातार हो रहे हमलों से अब जनाक्रोश पनपने लगा है। इसका असर शुक्रवार को तब देखने को मिला। जनप्रतिनिधि और आमजन चिंतित होकर नेपानगर थाने पहुंचे। यहां एकमत से कहा जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं तो हमारा क्या होगा। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेश चौहान, सोहन सैनी, सुजीत पाटिल, प्रवीण काटकर, हेमंत सिद्धवानी, विनोद पाटिल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने कहा-आखिर पुलिस अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। प्रशासन को किस बात का इंतजार है। दोपहर में इन जनप्रतिनिधियों ने नगर पालिका अध्यक्ष भारती पाटिल के नेतृतव में कलेक्टर भव्या मित्तल, एसपी राहुल कुमार लोढ़ा को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया कि नगर के लोग खुद को डरा हुआ महसूस कर रहे हैं। आज उन्होंने पुलिस पर हमला किया है कल हम पर भी कर सकते हैं। प्रशासन सख्ती दिखाए।
वह सवाल जिसकी जांच होना जरूरी
- अचानक जागृत आदिवासी दलित संगठन की कार्यकर्ता माधुरी बेन को वन कटाई की याद कैसे आई? जबकि पिछले छह माह से नावरा, नेपानगर रेंज का जंगल कट रहा है। माधुरी बेन कहीं न कहीं वामपंथी विचारधारा से प्रभावित नजर आ रही है। उनका बड़वानी जिले में 13 साल से दखल नहीं है। बड़वानी में इसी तरह की गतिविधियों में दखल दिए जाने पर कईं बार उन पर केस दर्ज किए गए।
- अब तक जिला प्रशासन उनकी और संगठन की भूमिका की जांच क्यों नहीं कर पाया। एक बार संगठन के नितिन वर्गीस को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन जब काफी संख्या में लोग उसके साथ लालबाग थाने पहुंचे तो उसे छोड़ दिया गया था। जबकि 11 मार्च को रेणुका डीपो पर हुए हमले के दौरान उसकी बातचीत का रिकार्ड पुलिस के पास मौजूद थे। उसकी बातचीत उस समय एक अतिक्रमणकारी से पूरे समय होती रही थी।
- पुलिसकर्मियों, वनकर्मियों पर लगातार हमले होते रहे। घाघरला में भी एक साथ 14 वनकर्मियों, एसएएफ जवान और एक ग्रामीण पर हमला किया गया था। उसके आरोपी भी पुलिस पकड़ नहीं पाई थी। हालांकि रेणुका डीपो पर हमले के आरोपी पकड़ लिए गए थे। 4 अप्रैल को भी पुलिस पर हमला हुआ था।
-पुलिस ने नेपानगर थाने में 32 हजार के इनामी आरोपी हेमा मेघवाल को रखा था जबकि संवेदनशीलता की दृष्टि से ऐसा करना उचित नहीं माना जा रहा है। साथ ही इस बात की जानकारी अतिक्रमणकारियों को कैसे लगी कि नेपानगर थाने में आरोपी को रखा गया है यह भी जांच का विषय है।
- वन विभाग और पुलिस के बीच पिछले कुछ दिनों से ठनी हुई है। पुलिस द्वारा वन विभाग को कोई सहयोग भी नहीं किया जा रहा था। हालांकि वन विभाग की ओर से हाल ही में बड़वानी जिले के सेंधवा और वरला से आए 13 आरोपियों को पकड़ा गया था।
- पुलिस द्वारा दो तीन बार अतिक्रमणकारियों के सरेंडर की कहानी रची गई, लेकिन यह क्या सरेंडर वाकई में हुए थे या फिर सरेंडर फर्जी थे, क्योंकि बाद में उसी रात नेपानगर से सटे जंगल कटना शुरू हो गए थे। एक साथ 40 गांवों के 500 लोगों का सरेंडर का दावा पुलिस साबित नहीं कर पाई थी।
वर्जन-
-60 अतिक्रमणकारियों ने घुसकर पुलिसकर्मियों से मारपीट की। 3 आरोपियों को छुड़ाकर ले गए। हम पूरे समय यहां नजर रखे हुए हैं। आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है। उनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। -राहुल कुमार लोढ़ा, एसपी बुरहानपुर
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