Life Style

Indore : इंदौर के मंदिर में हादसा : चंद पलों में चीख-पुकार में बदल गया रामनवमी का धार्मिक उल्लास

इंदौर : इंदौर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बृहस्पतिवार को रामनवमी के धार्मिक उल्लास के बीच हवन-पूजन का वैदिक मंत्रोच्चार तब अचानक चीख-पुकार में बदल गया, जब एक पुरातन बावड़ी पर बनाए गए इस देवस्थान की फर्श धंस गई।

अधिकारियों ने बताया कि हादसे में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जिनमें 10 महिलाएं हैं।

घटनास्थल पर मौजूद अमित सचदेव ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया,‘‘मेरी एक महिला रिश्तेदार हादसे के वक्त मंदिर में थीं। मंदिर बावड़ी पर बनाया गया है। बावड़ी की छत पर बहुत सारे लोग थे और वहां हवन-पूजन हो रहा था। एकदम से छत धंसी और सब लोग पानी से भरी बावड़ी में चले गए।’’

स्थानीय रहवासियों के मुताबिक जिस पटेल नगर में यह हादसा हुआ, वहां सिंधी हिंदुओं और गुजराती भाषी लोगों की बड़ी आबादी रहती है तथा दुर्घटना में हताहत लोग भी इन्हीं समुदायों के हैं। हादसे की खबर फैलते ही मंदिर के आस-पास उन चिंतित लोगों की भीड़ जुट गई जिनके परिजन हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे और वे बदहवासी की हालत में उनकी खैरियत जानने की जद्दोजहद में जुट गए।

चश्मदीदों के मुताबिक जैसे ही बचाव दल किसी घायल या मृतक को बावड़ी से बाहर निकालकर एम्बुलेंस तक लाता, वैसे ही ये लोग तुरंत एम्बुलेंस के पास पहुंचकर देखते कि कहीं यह व्यक्ति उनका अपना तो नहीं है।

घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में शामिल पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल भी शामिल थे। उन्होंने बताया,‘‘मुझे जैसे ही मंदिर में हादसे की जानकारी मिली, मैंने तुरंत प्रशासन को फोन करके इसकी सूचना दी, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि सूचना के एक घंटे के बाद भी एम्बुलेंस और बचाव दल मौके पर नहीं पहुंचा।’’

उन्होंने बताया कि हादसे के बाद पटेल नगर के निवासियों ने बचाव का मोर्चा संभाला, लेकिन उनके पास बावड़ी में गिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त साधन नहीं थे।

हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।

जिलाधिकारी डॉ. टी. इलैयाराजा ने बताया कि मंदिर में हुए हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी और तमाम पहलुओं की छानबीन की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित करेगा, जहां इस तरह के हादसे होने की आशंका है।

इस बीच, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मौके पर पहुंचे और हादसे की विस्तृत जांच की मांग की।

सिंह ने कहा,‘‘बावड़ी के ऊपर सीमेंट-सरिये का स्लैब डालकर मंदिर की छत कैसे बना दी गई और किस अधिकारी ने इसकी अनुमति दी थी, इस बात की पूरी जांच होनी चाहिए।’’

इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय निकाय के एक पत्र के जवाब में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट ने 24 अप्रैल 2022 को उसे यह लिखकर दिया था कि वह मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा और बावड़ी के ऊपर किया गया निर्माण हटाकर इस जलस्त्रोत को खोल देगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

अधिकारी ने बताया कि इस मामले में नगर निगम की ओर से उचित कदम उठाए जाएंगे।


Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button