New Delhi : फौजदारी मामले में सपा नेता अब्दुल्ला आजम खान की दोष सिद्धि पर रोक लगाने से न्यायालय का इंकार

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ 15 साल पुराने मामले में राज्य का पक्ष सुने बगैर उनकी दोष सिद्धि और सजा पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया।
अब्दुल्ला आजम खान, सपा नेत आजम खान के पुत्र हैं।
न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और बी. वी. नागरत्न की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और अधिवक्ता सुमीर सोढी से याचिका की एक प्रति उत्तर प्रदेश सरकार के स्थाई वकील के पास भेजने को कहा और मामले की सुनवाई के लिए पांच अप्रैल की तिथि तय की है।
तन्खा ने कहा कि अपराध के वक्त खान किशोर (नाबालिग) थे और इसलिए उनकी दोष सिद्धि और सजा पर रोक लगायी जानी चाहिए।
पीठ ने कहा, ‘‘माफी करिए, लेकिन इसके लिए हमें राज्य का पक्ष भी सुनना होगा।’’
सुनवाई के दौरान तन्खा ने कहा कि घटना के वक्त खान किशोर थे और उच्च न्यायालय ने सत्र अदालत के फैसले पर स्थगनादेश नहीं देकर त्रुटि की है।
सोढी के माध्यम से दायर याचिका में खान ने इलाहाबाइ उच्च न्यायालय के 17 मार्च के फैसले को चुनौती दी है जिसमें अदालत ने अपील पर राज्य से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
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