Ulhasnagar : कालानी महल से जुड़े हैं अपराधियों के तार: भरत गंगोत्री

मुझे पार्टी छोड़ने के लिए कालानी पिता-पुत्र ने रचा दबाव तंत्र
आनंद शुक्ला
उल्हासनगर : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश सचिव और उल्हासनगर मनपा के पूर्व सभागृह नेता भरत राजवानी (गंगोत्री) ने शहर के पूर्व विधायक पप्पू कालानी और उनके पुत्र ओमी कालानी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया है। पत्रकारों से गंगोत्री ने कहा है कि पिछले दिनों अर्जुन काले मृत्यु प्रकरण में कालानी पिता-पुत्र द्वारा उन्हें फंसाने की हरसंभव कोशिश की गई लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए। जबकि इससे यह साफ हो गया कि शहर में मोबाइल चोर और स्नैचिंग करने वाले अपराधिक तत्व कालानी महल में पहुंच रखते हैं क्योंकि घटना वाले दिन अर्जुन काले के साथ जो उसका सहयोगी उस वक्त घटनास्थल से फरार हो गया था, लेकिन जब मृतक अर्जुन काले का परिवार कालानी महल पहुंचा था तो वह भी उनके साथ था। गंगोत्री ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि शहर की सुरक्षा की दृष्टि से कालानी महल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जानी चाहिए ताकि ये पता लगाया जा सके कि शहर में हो रही चोरियां और चेन स्नैचिंग की घटना को अंजाम देने वाले अपराधिक तत्वों का कनेक्शन कालानी महल से तो नहीं है ?
इसके अलावा भरत गंगोत्री ने यह भी आरोप लगाया है कि कालानी पिता-पुत्र द्वारा अर्जुन काले मृत्यु दुर्घटना प्रकरण को हत्या दर्शाते हुए एक सोची समझी साजिश के तहत उनके विरुद्ध एक दबाव तंत्र रचा गया ताकि मैं एनसीपी छोड़कर भाजपा या शिंदे गुट में प्रवेश करूं।. जिसके लिए कालानी द्वारा ऐसा माहौल तैयार किया गया और दूसरी तरफ कार्रवाई का दबाव बनाने का खेल खेला गया, लेकिन इसमें कालानी पिता-पुत्र सफल नहीं हो पाए हैं।
बता दे कि हाल ही में उल्हासनगर के कैंप पांच, स्वामी शांति प्रकाश चौक परिसर में अर्जुन काले नाम का युवक अपने एक साथी के साथ मोटरसाइकिल से जा रहा है और यह आरोप है कि उसने वहां चेन स्नैचिंग की और जब स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तब उसकी मोटरसाइकिल अन्य गाड़ी से टकरा गई, जिसमें अर्जुन काले गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस दौरान उसके द्वारा चेन स्नैचिंग करने से गुस्साए स्थानीय लोगों ने उसके साथ मारपीट भी की थी। उधर ओमी कालानी ने पत्रकारों को दिए इंटरव्यू में यह आरोप लगाया था कि भरत गंगोत्री ने अपने साथियों के साथ मिलकर अर्जुन काले को पीट-पीट कर मार डाला इसलिए गंगोत्री के खिलाफ हत्या का मामला पुलिस दर्ज करे। इस संदर्भ में कालानी गुट के दर्जनों लोगों ने पुलिस प्रशासन से मिलकर भरत गंगोत्री को हत्यारा मानते हुए उनके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की मांग की है।
कालानी-गंगोत्री के बीच करीब 14 वर्षों से छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। भरत गंगोत्री को कालानी परिवार की कार्यप्रणाली पसंद नहीं आ रही है ओर वे एनसीपी को शहर में मजबूत करने में जी जान से जुटे हैं। वहीं दूसरी तरफ गंगोत्री का ये लगातार आरोप रहता है कि कालानी परिवार केवल अपने स्वार्थ के लिए एनसीपी में रहते हुए भी सत्तापक्ष के साथ जुड़ा है और शहर हित में कोई काम नहीं कर केवल अपने हित में ही काम कर रहा है। जिसका उदाहरण 2017 में दिखा जब कालानी परिवार ने एनसीपी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और उस वक्त यह कहने लगा कि शहर में एनसीपी का नामोनिशान मिटा देंगे। मगर2019 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कालानी परिवार को टिकट नहीं दिया तब कालानी परिवार फिर एनसीपी में घुस गए और ज्योति कालानी को राकांपा ने टिकट दिया, जिसमें वह हार गई और वर्तमान विधायक कुमार अयलानी जीत गए थे।हालांकि यह मामला बढ़ता ही जा रहा है, उल्हासनगर राकांपा पार्टी 27 तारीख को उल्हासनगर में एक सभा रखी थी, जिसमें पूर्व राकांपा मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने सिंधी समुदाय को अपशब्द कहा था, जिससे सिंधी समुदाय में रोष फैला हुआ है और इसका वीडियो भरत गंगोत्री ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था। इससे उल्हासनगर में साफ पत्ता चलता है कि उल्हासनगर राकांपा का दो गुट है।
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