Varanasi : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काशी की बदल रही तस्वीर, डिजिटलीकरण को बढ़ाव

-बीते 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन
-विश्व स्वास्थ्य दिवस (07 अप्रैल) पर विशेष
वाराणसी : प्रतिवर्ष सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी थीम ‘हेल्थ फॉर ऑल’ रखी गई है। जिले में सभी के लिए बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराने, समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक उसकी पहुंच बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग भी संजीदा है।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के पूर्व संन्ध्या पर जिले में निरंतर बढ़ रहीं चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काशी की तस्वीर बदल रही है। पिछले कुछ सालों में जनपद में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं, उपकरणों, संसाधनों आदि सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर जनपद की आबादी करीब 44 लाख है, जिन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराना हमारे लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयासरत है।
सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की शुरुआत वर्ष 2005 में हुई थी उस समय जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की संख्या 307 थी। वर्तमान में यह बढ़कर 316 हो चुकी है। पिछले चार सालों में इन 316 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित किया जा रहा है। वर्तमान में 225 हेल्थ एंड वेलनेस तैयार किए जा चुके हैं, जिसमें सभी में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की तैनाती है।
उन्होंने बताया कि पहले जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (एपीएचसी) की संख्या 22 थी, वर्तमान में इसमें से तीन एपीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उच्चीकृत किया गया है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में नौ सीएचसी संचालित हैं। इसके अलावा पांच पीएचसी बड़ागांव, पिंडरा, सेवापुरी, हरहुआ और चिरईगांव संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 24 पीएचसी, 9 सीएचसी, 225 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 81 स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।
-शहर में भी बढ़ रहीं चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाएं
सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) की शुरुआत 2010 में हुई थी। उससे पहले जिले में पांच राजकीय चिकित्सालय डीडीयू चिकित्सालय पाण्डेयपुर, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा एलबीएस चिकित्सालय रामनगर और एसवीएम चिकित्सालय भेलूपुर स्थापित हैं। इन चिकित्सालयों की ओपीडी व अन्य सामान्य सेवाओं का भार कम करने के लिए आबादी के अनुसार 24 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन शुरू किया गया। पिछले साल पांच नवीन शहरी पीएचसी की और बढ़ोतरी हुई। वर्तमान में यह सभी 29 शहरी पीएचसी आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में संचालित की जा रही हैं। इसमें तीन पीएचसी जैतपुरा, कोनिया और लेढ़ुपुर स्वयं के सरकारी भवन में संचालित की जा रही हैं, शेष पीएचसी किराए के भवन में संचालित हो रही हैं। लेकिन जल्द ही सभी पीएचसी को स्वयं के सरकारी भवन में में स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा शहर में पांच सीएचसी यथा सीएचसी दुर्गाकुंड, चौकाघाट, शिवपुर, काशी विद्यापीठ और सारनाथ का संचालन किया जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि इस साल बीएचयू समेत 13 स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक-एक एमएनसीयू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। सभी राजकीय चिकित्सालयों और सीएचसी में हृदय रोगियों की सुविधा के लिए ईसीजी, थ्रंबोलिसिस और कार्डिएक अरेस्ट की सेवा शुरू हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में 75 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और नगर क्षेत्र में 48 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के संचालन की तैयारियां चल रही हैं।
-स्वास्थ्य क्षेत्र के बड़े आयोजन
सीएमओ डॉ चौधरी ने बताया कि वाराणसी में पिछले साल स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा कार्यक्रम यूनीवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस 2022 सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है। इसी साल फरवरी में साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (एफईटीपी) राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 और इसी 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है।
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